लॉस एंजिल्स में प्रवासी विरोध प्रदर्शन के बीच ट्रंप ने की मरीन तैनाती, उठे सवाल

Shwet Patra

रांची (RANCHI): अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों के खिलाफ जारी प्रदर्शनों को रोकने के लिए लॉस एंजिल्स में सैकड़ों मरीन तैनात करने के आदेश दिए हैं. मंगलवार को लगभग 700 अमेरिकी मरीन सैन्य वाहनों के साथ शहर के बाहर एक अस्थायी स्थल पर पहुंचे. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने 4,000 नेशनल गार्ड जवानों को भी सक्रिय कर दिया है.


लॉस एंजेलेस "अभी तक जल चुका होता":ट्रंप 

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर सैन्य बलों की तैनाती नहीं होती, तो लॉस एंजेलेस "अभी तक जल चुका होता". उन्होंने संकेत दिया कि यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो वे 'इन्सरेक्शन एक्ट' लागू कर सकते हैं, जो सेना को नागरिक कानून व्यवस्था संभालने की अनुमति देता है. ट्रंप ने कहा कि हम कोई खतरा नहीं उठा सकते. लॉस एंजिल्स के कुछ हिस्सों में पहले से ही बगावत जैसे हालात हैं.

सैन्य बलों की तैनाती की कुल लागत करीब 134 मिलियन डॉलर

अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि तैनात मरीन केवल संघीय संपत्तियों और अधिकारियों की सुरक्षा करेंगे. उन्हें आम नागरिकों की गिरफ्तारी का अधिकार नहीं होगा. सैन्य बलों की तैनाती की कुल लागत करीब 134 मिलियन डॉलर बताई जा रही है, जिसमें आवास, भोजन और यात्रा शामिल हैं. 
वहीं, कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बैस ने ट्रंप के जवानों की तैनाती के कदम को "अत्यधिक और अनावश्यक" बताया है. राज्य के अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शन ज्यादातर शांतिपूर्ण रहे हैं और ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई जरूरत से ज्यादा आक्रामक है.

गवर्नर न्यूसम ने की फैसले की आलोचना 

गवर्नर न्यूसम ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना करते हुए लिखा, “सोचिए, अगर यही राशि पूर्व सैनिकों के पोषण और आवास पर खर्च होती तो कितना अच्छा होता, बजाय इसके कि सैनिकों को राजनीतिक मोहरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.”

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