रांची (RANCHI): वाशिंगटन डीसी स्थित संघीय सर्किट अपील न्यायालय के न्यायाधीशों ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप के आपातकालीन शक्तियों के अभूतपूर्व उपयोग करते हुए अमेरिका के व्यापारिक साझेदार देशों पर व्यापक टैरिफ लगाने के अधिकार पर तीखे सवाल उठाए. कई न्यायाधीशों ने तो बार-बार इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि ट्रंप 1977 के अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईपा) कानून का उपयोग करके टैरिफ को कैसे उचित ठहरा सकते हैं?
टैरिफ अनुसूची को रद्द करने का पूरा अधिकार
अमेरिका ऑनलाइन अखबार 'पॉलिटिको' की खबर के अनुसार, न्यायाधीश जिम्मी रेयना ने कहा, "मेरी एक बड़ी चिंता यह है कि आईपी में टैरिफ शब्द का कहीं भी जिक्र तक नहीं है." न्यायाधीश टिमोथी डिक ने कहा, "मेरे लिए यह समझना मुश्किल है कि कांग्रेस का इरादा आईपा में राष्ट्रपति को उस टैरिफ अनुसूची को रद्द करने का पूरा अधिकार देना था जिसे उसने वर्षों के गहन अध्ययन के बाद अपनाया था."
कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को हड़पने का उद्देश्य
अन्य न्यायाधीश इस तर्क पर सहमत दिखे कि ट्रंप ने एक ऐसे कानून का इस्तेमाल किया जिसका उद्देश्य राष्ट्रपतियों को किसी अंतरराष्ट्रीय संकट से निपटने के लिए आपातकालीन शक्तियां प्रदान करना था, बल्कि कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को हड़पना था. यहां यह महत्वपूर्ण है कि न्यायाधीश जिम्मी रेयना की नियुक्त ओबामा और न्यायाधीश टिमोथी डिक की नियुक्ति क्लिंटन ने की थी.