रांची (RANCHI): विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में सोमवार को श्रावण-भादौ मास के तीसरे सोमवार को शाम चार बजे भगवान महाकाल की सवारी धूमधाम से नगर भ्रमण पर निकलेगी. इस दौरान भगवान तीन स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे. इस बार सवारी में उत्साह, उमंग और भक्ति का दृश्य और अधिक विहंगम होगा. सवारी में 1500 डमरू वादक भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर विश्व कीर्तिमान रचेंगे. भोपाल और उज्जैन के डमरु वादक के दल द्वारा महाकाल लोक के शक्तिपथ और सवारी में विशेष प्रस्तुति दी जाएगी.
महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक और अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने बताया कि आज शक्तिपथ पर डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड बनेगा. इसमें करीब 1500 डमरू वादक शामिल होंगे और महाकाल मंदिर में होने वाली भस्म आरती की धुन पर डमरू, झांझ व ढोल पर तैयार की गई विशेष धुन पर दस मिनट की प्रस्तुति देंगे. विश्व रिकार्ड बनने के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम प्रमाण पत्र प्रदान करेगी. डमरू वादन की प्रस्तुति देने वालों में उज्जैन के करीब एक हजार और मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग भोपाल के करीब पांच सौ कलाकार शामिल रहेंगे.
350 जवानों के पुलिस बैंड देगें प्रस्तुति
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारी में उत्साह और आकर्षण को और अधिक बढ़ाने के क्रम में जनजातीय कलाकारों की प्रस्तुति, 350 जवानों के पुलिस बैंड की प्रस्तुति के बाद अब बाबा महाकाल की सवारी में डमरू वादन का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने जा रहा है. डमरू वादकों द्वारा महाकाल लोक के शक्तिपथ पर प्रातः 11 बजे विशेष प्रस्तुति दी जाएगी.
रथ पर शिव-तांडव रूप में विराजित होंगे कलाकार
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि सावन के तृतीय सोमवार को भगवान महाकाल सवारी के दौरान चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर मनमहेश के रूप में और गरूड़ रथ पर शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे.
भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन
उन्होंने बताया कि सवारी निकलने के पूर्व दोपहर साढ़े तीन बजे महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा. इसके बाद शाम चार बजे भगवान चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जायेगी. भगवान महाकालेश्वर की सवारी का सजीव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज पर भी किया जाएगा.
जनजातीय कलाकार भी बिखेरेंगे कला संस्कृति की छटा