किचन में उबलते दूध पर लगा रहता है ध्यान, तो अपनाएं यह टिप्स, उबल कर कभी नहीं गिरेगा दूध !

Shwet Patra

रांची (RANCHI): हर घर में रोज़ाना दूध उबाला जाता है. लोग व्यस्त होते हैं, इसलिए दूध को गैस पर चढ़ा कर अपने अन्य कामों में लग जाते है. इसी बीच अक्सर दूध उबल कर बर्तन से बहार गिर जाता है. इससे गैस तो गन्दा होता ही है, बल्कि बर्नर के छेदों में में दूध घुस जाने से आग का ताप कम हो जाता है. आपकी इस समस्या का समाधान इस आर्टिकल में मिलेगा. बता दें कि कुछ आसान तरकीबें अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं और बिना किसी चिंता के दूध  उबाल सकते हैं.

बर्तन के किनारों पर घी या मक्खन लगाएं 

जब भी दूध या चाय उबालने जाएं, बर्तन के ऊपरी किनारों पर थोड़ा सा घी या मक्खन लगाएं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि जब दूध उबलता है, तो झाग उठने के बावजूद बर्तन से बाहर नहीं गिरेगा. 

कड़ाही के ऊपर चम्मच रखें

जब भी चाय या दूध उबाल रहे हों, तो बर्तन के ऊपर लकड़ी का चम्मच या करछुल रखें। इससे झाग उठने से रुकता है और दूध या चाय बाहर नहीं गिरती. अगर यह करछुल या चम्मच लकड़ी की बनी हो, तो यह ज़्यादा फ़ायदेमंद होगी, क्योंकि लकड़ी की करछुल दूध के तापमान को नियंत्रित करती है और उबलने को संतुलित रखती है.

धीमी आंच पर उबालें

तेज आंच पर दूध और चाय जल्दी उबल जाते हैं और झाग बनने की प्रक्रिया बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए दूध या चाय को हमेशा धीमी आंच पर उबालें. मध्यम या धीमी आंच पर उबालने से दूध या चाय धीरे-धीरे गर्म होगी और झाग बनने की प्रक्रिया नियंत्रित रहेगी. दूध या चाय को बीच-बीच में चलाते रहें ताकि वह जले नहीं और ठीक से उबल जाए.

बर्तन में स्टील का चम्मच डालें

जब भी दूध या चाय उबालें, उसमें एक छोटा स्टील का चम्मच डालें. इससे गर्मी समान रूप से वितरित होती है और उबाल नियंत्रित रहता है. स्टील का चम्मच झाग बनने से भी रोकता है, जिससे दूध या चाय बर्तन से बाहर नहीं गिरती.

बड़े बर्तन का इस्तेमाल करें

अगर आपको ज़्यादा मात्रा में दूध या चाय उबालनी है, तो हमेशा बड़े बर्तन का इस्तेमाल करें. छोटे बर्तन में जल्दी झाग भर जाता है और दूध या चाय बाहर गिरने लगती है. बड़े बर्तन में ज़्यादा जगह होती है, इसलिए उबालते समय झाग आसानी से फैल जाता है और गिरने की संभावना कम हो जाती है.

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